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लेखनी प्रतियोगिता -19-Jan-2022 बंद दरवाजा

आंखों की खिड़की से दिल के बंद दरवाजे तक 
मुहब्बत का यह सफर कुछ ऐसा सुहाना हुआ 
इश्क की मधुर गूंज नस नस में सुनाई देने लगी 
प्यार में ये मन दीवाना, परवाना, मस्ताना हुआ 
आंखों में सजी है एक बहुत खूबसूरत सी तस्वीर 
उसके सामने  ये बेरंग जमाना बड़ा बेगाना हुआ 
लहू बनके दौड़ रहा है इश्क दिल की धड़कन में 
बच्चे बच्चे की जुबां पे मशहूर ये अफसाना हुआ 

हरिशंकर गोयल "हरि"
19.1.22 


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7 Comments

Shrishti pandey

20-Jan-2022 08:38 AM

Nice

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Abhinav ji

20-Jan-2022 08:15 AM

Nice

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Amir

19-Jan-2022 11:04 PM

Nice

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